दिल्ली-NCR में बारिश ने बढ़ाई सर्दी, 10 दिसंबर से 3 डिग्री और नीचे जाएगा पारा

दिल्ली-NCR में बारिश ने बढ़ाई सर्दी, 10 दिसंबर से 3 डिग्री और नीचे जाएगा पारा दिल्ली और इसके आसपास के इलाकों में दिसंबर महीने का आगाज होते ही सर्दी ने अपनी तेज़ी पकड़ ली है। 8 और 9 दिसंबर को दिल्ली और NCR क्षेत्र में हुई बारिश ने ठंड को और बढ़ा दिया है, जिससे लोग ठंड से बेहाल हो गए हैं। मौसम विभाग के अनुसार, 10 दिसंबर से दिल्ली-एनसीआर का पारा और गिरने की संभावना है, और तापमान 3 डिग्री सेल्सियस तक भी पहुंच सकता है। यह बदलाव सर्दी के मौसम की ओर इशारा करता है और दिल्लीवासियों के लिए एक कड़ी चुनौती साबित हो सकता है।
मौसम के हालात दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में 8 और 9 दिसंबर को भारी बारिश हुई, जिससे मौसम में अचानक बदलाव आया। इस दौरान आसमान में घने बादल थे और तेज़ हवाएं चल रही थीं। यह बारिश मौसम के सामान्य बदलाव का हिस्सा थी, लेकिन साथ ही यह ठंड के मौसम को और तीव्र बना गई। अधिकतर इलाकों में बारिश के बाद सर्दी ने अपना असर दिखाना शुरू कर दिया। अब 10 दिसंबर से तापमान में गिरावट का सिलसिला शुरू होगा और दिल्ली-एनसीआर के कुछ इलाकों में न्यूनतम तापमान 3 डिग्री तक गिर सकता है। मौसम विभाग का कहना है कि इस बार दिसंबर में ठंड का असर पहले से अधिक होगा। इसका कारण उत्तर भारत में एक पश्चिमी विक्षोभ का आना और उसके साथ बारिश का होना है। पश्चिमी विक्षोभ के कारण होने वाली बारिश का असर दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, और राजस्थान तक देखा जाएगा। यही कारण है कि दिल्ली में मौसम में अचानक बदलाव देखने को मिला है। सर्दी का असर सर्दी के बढ़ने के साथ ही दिल्ली-एनसीआर के निवासी ठंड से बचने के उपायों में जुट गए हैं। घरों में हीटर, ब्लंकेट, और गर्म कपड़े पहनने का सिलसिला शुरू हो गया है। खासकर वे लोग जो खुले इलाकों में काम करते हैं, उन्हें इस ठंड से बहुत परेशानी हो रही है। सड़क पर काम करने वाले मजदूर, रिक्शा चालक, और अन्य श्रमिक इस कड़ी ठंड से खासे परेशान हैं। इसके साथ ही सर्दी का असर वायु गुणवत्ता पर भी पड़ता है, जिससे प्रदूषण का स्तर बढ़ सकता है। दिल्ली में बढ़ती सर्दी का सीधा असर शहरी जीवन पर पड़ता है। सर्दी के मौसम में ट्रैफिक की समस्या और भी बढ़ जाती है। कोहरे के कारण सड़क मार्गों पर दृश्यता कम हो जाती है, जिससे सड़क दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ जाता है। इसके अलावा, सर्दी में बीमारी के मामले भी बढ़ने लगते हैं, जैसे सर्दी-जुकाम, फ्लू, और श्वसन संबंधी समस्याएं। डॉक्टरों का कहना है कि ठंड के मौसम में खासतौर पर बच्चों और बुजुर्गों को स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं ज्यादा होती हैं। इसलिए, गर्म कपड़े पहनना और शरीर को गर्म रखना जरूरी होता है।
दिल्ली-एनसीआर में ठंड बढ़ने के कारण 1. पश्चिमी विक्षोभ: पश्चिमी विक्षोभ का असर दिल्ली-एनसीआर और उत्तर भारत के अन्य क्षेत्रों में बढ़ी हुई सर्दी और बारिश का मुख्य कारण है। यह एक सामान्य मौसमी घटनाक्रम है, जिसके कारण भारत के उत्तरी हिस्सों में ठंड की स्थिति उत्पन्न होती है। 2. आर्द्रता: बारिश के बाद हवा में आर्द्रता का स्तर बढ़ जाता है, जिससे तापमान में और गिरावट आती है। यह ठंड के मौसम को और सर्द बना देता है। 3. वायुमंडलीय दबाv : सर्दी के दौरान, वायुमंडलीय दबाव में बदलाव होने से हवा का दबाव भी बढ़ जाता है, जिससे ठंडी हवाएं और ज्यादा प्रभावी होती हैं। 4. सूर्य की कमी: दिसंबर के महीने में सूर्य की किरणें थोड़ी कम प्रभावी होती हैं, जिससे दिन के समय भी तापमान ज्यादा नहीं बढ़ पाता है। सूरज की रौशनी कम होने के कारण, रात का तापमान तेजी से गिर जाता है। भविष्यवाणी और तैयारी मौसम विभाग के अनुसार, 10 दिसंबर के बाद से तापमान में और गिरावट का अनुमान है। दिल्ली का न्यूनतम तापमान 3 डिग्री तक जा सकता है, जो इस मौसम में सामान्य से कम होगा। खासतौर पर 11 और 12 दिसंबर को और अधिक ठंड महसूस हो सकती है। मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि इस समय बर्फबारी और पश्चिमी विक्षोभ का असर लगातार रहेगा, जिससे सर्दी का और ज्यादा असर देखने को मिलेगा। सरकारी स्तर पर भी सर्दी से बचाव के लिए तैयारी शुरू कर दी गई है। दिल्ली सरकार ने सर्दी से बचने के लिए सड़क किनारे आश्रय स्थल (सर्दी आश्रय) बनाने की योजना शुरू की है, ताकि बेघर लोग ठंड से बच सकें। इसके साथ ही प्रशासन ने ट्रैफिक पुलिस को भी सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं, ताकि सड़क दुर्घटनाओं से बचा जा सके। स्वास्थ्य विभाग ने भी सर्दी और मौसमी बीमारियों को लेकर जागरूकता अभियान चलाने की योजना बनाई है। सर्दी में स्वास्थ्य का ध्यान रखना सर्दी के मौसम में बीमारियों के बढ़ने की संभावना ज्यादा होती है, खासतौर पर वायरल बुखार, जुकाम, फ्लू औ

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