"चाँदनी रात की मुलाकात"
"चाँदनी रात की मुलाकात"
https://bit.ly/3UXoSe0
वह एक अकेली लड़की थी, जो रोज़ की तरह रात को भी अपनी छत पर बैठी थी। उसका नाम सिया था, और वह एक छोटे से शहर में रहती थी। सिया का दिल भी एक विशाल आकाश की तरह था, जिसमें ढेर सारी उम्मीदें और ख्वाब तैरते थे। हालांकि, उसे कभी कोई ऐसा नहीं मिला था, जो उसके दिल की गहराइयों को समझ सके। वह अक्सर चाँद के नीचे बैठकर अपने दिल के विचारों को सुनती थी, और उसकी चुप्प भी बहुत कुछ कह देती थी।
एक रात, जब सिया अपने छोटे से बगीचे में बैठी थी, उसकी नजरें चाँदनी रात में खो गईं। चाँद की हल्की सी रौशनी उसके चेहरे पर पड़ी, और वह सोचने लगी—क्या कभी कोई उसे पूरी तरह से समझ पाएगा? क्या कभी कोई ऐसा होगा, जो उसकी नज़रों के राज़ को जान सके?
तभी उसकी सोच को एक आवाज़ ने तोड़ा। "तुम्हें यहाँ अकेला देखकर अच्छा नहीं लगा," वह आवाज़ थोड़ी अजनबी थी, लेकिन काफी पास से आ रही थी। सिया ने चौंककर अपनी आँखें घुमाईं और देखा कि सामने एक युवक खड़ा था। वह उसे कुछ अजनबी सा महसूस हुआ, लेकिन कुछ खास था उसकी आँखों में। उसकी आँखें उस रात की चाँदनी सी थीं, एकदम नर्म और गहरी।
"तुम?" सिया ने थोड़ी हैरान होकर पूछा, "तुम यहाँ कैसे?"https://bit.ly/3UXoSe0
"मैं... मैं तुम्हारे बगीचे में रोज़ चलता हूँ," वह युवक हल्की मुस्कान के साथ बोला, "बस आज तुम यहाँ बैठी थीं, तो सोचा... एक बात पूछूँ।"
सिया की दिल की धड़कन थोड़ी तेज़ हो गई थी, लेकिन उसने अपने आप को शांत रखा। "क्या बात?"
"क्या तुम कभी ऐसे महसूस करती हो कि तुम्हारा दिल बहुत भारी हो जाता है? कि तुम चाहती हो कि कोई तुम्हें समझे, और तुम उससे अपना दिल बांट सको?" वह युवक धीरे से पूछते हुए सिया के पास आकर बैठ गया।
सिया चुप थी, लेकिन उसकी आँखों में एक हल्की सी नमी थी। वह बहुत समय से यही सोचती थी, लेकिन किसी को ये कहने का साहस नहीं जुटा पाई थी।
"क्या तुम मुझे समझते हो?" सिया ने धीरे से पूछा।
"मैं तुम्हें समझ सकता हूँ," युवक ने अपनी आवाज़ में विश्वास भरा, "क्योंकि मैं भी यही महसूस करता हूँ। हम दोनों एक जैसे हैं।"
सिया ने उसकी आँखों में देखा और महसूस किया कि वह सच कह रहा था। उनके बीच कुछ था—कुछ खास, कुछ अनकहा सा। दोनों के दिलों में एक अजीब सा जुड़ाव था। चाँद की रौशनी में, वे दोनों कुछ पल एक-दूसरे की आँखों में खो गए, जैसे पूरी दुनिया रुक गई हो।
"क्या तुम कभी सोचती हो कि एक दिन हम दोनों इस चाँदनी रात में एक साथ चलेंगे?" युवक ने अपनी बात पूरी की।
सिया मुस्कराई और धीरे से उसकी ओर बढ़ते हुए कहा, "हां, मुझे लगता है।"
उनकी मुलाकात छोटी सी थी, लेकिन उस एक पल ने उनके दिलों में एक अनकही कहानी लिख दी थी। चाँदनी रात ने उनकी मोहब्बत को आशीर्वाद दिया था, और अब वे दोनों एक-दूसरे के साथ अपनी जिंदगी के सफर पर निकलने को तैयार थे।
अक्सर सिया को उस रात का ख्याल आता था, जब एक अजनबी ने उसे उसकी दुनिया से बाहर निकलने का रास्ता दिखाया था—और उसने खुद को एक नई कहानी में खो दिया था। इस कहानी में आपको क्या सिख मिली read more https://bit.ly/3UXoSe0
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